प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलम्बन (एग्रीजंक्शन) योजना में कृषि स्नातकों को स्वरोजगार के अवसर..

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और कृषि को एक लाभकारी व्यवसाय बनाने के उद्देश्य से प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलम्बन (एग्रीजंक्शन) योजना की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना, युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना और कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है। आइए इस योजना के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र डालते हैं:

योजना का परिचय:

  • योजना का नाम: प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलम्बन योजना (एग्रीजंक्शन)
  • लॉन्च: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा
  • उद्देश्य: कृषि उत्पादकता बढ़ाना, युवाओं को कृषि उद्यमिता में प्रोत्साहित करना, और कृषि क्षेत्र में रोजगार सृजन।
  • लिंक: क्लिक करें

योजना की विशेषताएँ:

  1. प्रशिक्षण कार्यक्रम: किसानों और कृषि उद्यमियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें कृषि की नवीनतम तकनीकों और प्रथाओं के बारे में जानकारी दी जाती है।
  2. वित्तीय सहायता: कृषि उद्यमियों को आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे अपने कृषि उद्यम को शुरू कर सकें और सफलतापूर्वक संचालित कर सकें।
  3. तकनीकी सहायता: आधुनिक कृषि उपकरणों और तकनीकों के उपयोग के लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
  4. मार्केटिंग सपोर्ट: किसानों को उनके उत्पादों के विपणन में सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे अपने उत्पादों को बेहतर कीमत पर बेच सकें।
  5. सहयोगी नेटवर्क: योजना के तहत किसानों को एक दूसरे के साथ नेटवर्क बनाने और अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है।

आवेदन प्रक्रिया:

  1. पंजीकरण: इच्छुक किसानों और युवाओं को एग्रीजंक्शन पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।
  2. आवेदन पत्र: पंजीकरण के बाद, आवेदन पत्र भरकर आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे।
  3. चयन प्रक्रिया: आवेदन पत्र की समीक्षा के बाद पात्र आवेदकों का चयन किया जाएगा।
  4. प्रशिक्षण: चयनित आवेदकों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने का मौका मिलेगा।
  5. वित्तीय सहायता: प्रशिक्षण के बाद, आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

योजना से संबंधित जरूरी निर्देश:

1. पात्रता:


1. आवेदक उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो.
2. मान्यताप्राप्त विश्व विद्यालय से कृषि विषय से स्नातक हो.
3. आयु 40 वर्ष से अधिक न हो (अनुसूचित जाति जनजाति व महिलाओं के लिए 05 वर्ष की छूट है).
2. चयन प्रक्रिया:
जनपद स्तर पर जिला अधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा चयन.
3. आवेदन की प्रक्रिया:

चयन के लिए आवेदन पत्र का निर्धारित प्रारूप विभाग की वेबसाइट https://upagripardarshi.gov.in/ से डाउनलोड करें या जनपद के यूपी कृषि निदेशक कार्यालय से प्राप्त कर समस्त वंचित अभिलेख/प्रमाण पत्र संलग्नन कर आवेदन किया जा सकता है।
4. आवेदन की अंतिम तिथि:

जनपद के उप कृषि निदेशक कार्यालय में आवेदन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 15-07-2024 है, साथ ही आवेदन करने का कोई शुल्क नहीं देना होगा

मुख्य उद्देश्य:

  1. कृषि उद्यमिता को प्रोत्साहन: किसानों और युवाओं को कृषि क्षेत्र में उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करना।
  2. आधुनिक तकनीकों का प्रयोग: कृषि में आधुनिक और उन्नत तकनीकों के प्रयोग को बढ़ावा देना।
  3. रोजगार सृजन: ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करना।
  4. आर्थिक स्वावलम्बन: किसानों की आय में वृद्धि और उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाना।

साथ ही किसानों को उनके फसल उत्पादन के लिए कृषि केंद्र (एग्रीजंक्शन) के बैनर तले सारी सुविधाएं “वन स्टॉप शॉप” के माध्यम से उपलब्ध कराना है। इन कृषि केन्द्रों (वन स्टॉप शॉप) के माध्यम से निम्न सेवाएँ को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था होगी:

  1. उच्च गुणवक्ता के बीज, उर्वरक, जैव उर्वरक, वर्मी कम्पोस्ट, कीटनाशक एवं समस्त कृषि निवेश की आपूर्ति.
  2. प्रसार सेवायें कृषि प्रक्षेत्र निर्देशन.
  3. मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर संस्तुत उर्वरक एवं खाद की संतुलित मात्रा के बारे में किसानो को मार्गदर्शन देना.
  4. लघु कृषि यंत्रों को किराये पर उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था.
  5. नवीन तकनीकी की जानकारी.
  6. विभिन्न कृषि योजनाएं जैसे प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना आदि के संबंध में परामर्शी सेवाएं दिए जाने का प्रचार.

उक्त के अतिरक्त एग्रीजंक्शन केंद्र द्वारा कृषि उपकरणों की मरम्मत, अनुरक्षण पशु आहार, कृषि उत्पादों एवं प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों की बिक्री, एवं कृषि उत्पाद, मौसम/विपणन व अन्य संबंधित सूचनाएँ उपलब्ध कराने जैसे कार्य भी किये जायेंगे।


इस योजना से सम्बंधित सभी जानकारियों के लिए विभाग वेबसाइट पर जायें अथवा इस लिंक क्लिक करें।

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