राधाष्टमी पर बरसाने मैं लगा भक्तगणों का ताँता, राधे राधे की गूँज के साथ झूम रहा पूरा बृज, क्या है खास?

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On Radhashtami crowd of lakhs of devotees in Barsana, the entire Brij is dancing with the echoes of Radhe Radhe (Image Credits: Bharat Darshan Vlog)

ब्रज की अधिष्ठात्री देवी व लीलाधर श्रीकृष्ण की आध्यात्मिक शक्ति श्रीराधारानी जी का प्राक्टोत्सव ‘राधाष्टमी’ आज यानी बुधवार, 11 सितंबर को मनाई जा रही है। आज समूचा बृज क्षेत्र ‘राधा राधा’ नाम से गुंजायमान है, यहाँ लाखों की संख्या मैं भक्तगण पहुँच चुके हैं और हर कोई राधा रानी के दर्शन को बेताब नजर आ रहा है।

जगह जगह भंडारे व लोक गायन का प्रबंध

श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न समाजसेवी संगठनों द्वारा भंडारों का आयोजन किया जा रहा है। जिससे बृज क्षेत्र मैं आने वाले समस्त श्रद्धालुगण राधाष्टमी के इस पवन अवसर पर प्रसाद से वंचित न रह जाएँ। साथ ही यहाँ सांस्कृतिक काय्रक्रमों के साथ भजन गायन, लोक गायन एवं रसिया गायन आदि की भी व्यवथा की गयी है, जिससे भक्तगण राधाकृष्ण की लीलाओं का मंचन भी देख पा रहे हैं।

झालरों एवं रंगबिरंगी लाइटों से सजाया गया बरसाना

पूरा बरसाना झालरों एवं रंगबिरंगी लाइटों से सजाया गया है, इसके साथ ही बृज क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों को सजाने का जिम्मेदारी मंदिर प्रबंधन को दी गयी है। सजने वाले मंदिरों में बरसाना के साथ-साथ मथुरा, वृंदावन, बरसाना, नंदगांव, दाऊजी, गोवर्धन, महावन, छटीकरा एवं मार्ग के अन्य मंदिर भी शामिल हैं। साथ ही छोटे बड़े सामाजिक समूहों ने भी अपने अपने स्तर पर अपने आसपास के मंदिरों को सजाया है।

बनाये गए हैं सेफी पॉइंट

साथ ही बरसाने व आसपास के क्षेत्रों मैं विभिन्न जगह सेल्फी पॉइंट की व्यवस्था भी की गयी है जिससे आने वाले श्रद्धालुगण इस खास मौके पर अपनी फोटो खींचकर अपनी यात्रा को यादगार बना सकें।

ट्रैफिक की है उचित व्यवस्था

बृज मंडल मैं आने वाले सभी श्रद्धालुओं के साथ ही आम जनमानस को समस्या न हो इसके लिए ट्रैफिक को जगह जगह रोकने और डाइवर्ट करने का पूरा प्रबंध प्रशासन ने किया है, जिससे भक्तजन बिना किसी व्यवधान के राधाष्टमी का पूरा आनंद उठा पाएं।

क्या है पूजा का विधान

इस दिन भक्त राधाष्टमी का व्रत रखते हैं और श्रीराधा कृष्ण की पूजा अर्चना कर जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की कामना करते हैं। राधा अष्टमी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करें। अब एक लकड़ी की चौकी लें और उस पर पीला कपड़ा बिछाएं, अब राधा रानी की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद जल से स्नान कराएं और प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करें। अब धूप और दीपक जलाकर राधा रानी को फूल, फल, चंदन और वस्त्र अर्पित करें। फिर राधा रानी का श्रृंगार करें। राधा रानी के साथ साथ भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा अर्चना करें, पूजा के दौरान राधा रानी के मंत्र जाप या उनके स्तोत्र का पाठ करें। पूजा का समापन श्री राधा जी और भगवान श्रीकृष्ण की आरती करें और राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण को भोग अर्पित करें। इसके बाद सभी को प्रसाद बांटे और स्वयं भी ग्रहण करें।


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