स्पोर्ट्स डेस्क, दंगल फिल्म का वो डायलॉग कि म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के, की तर्ज पर आजकल चल रहे पैरालम्पिक 2024 मैं अपनी जबरदस्त जुझारू प्रवर्ति और अद्भुत कौशल के दम पर देश का शान बढ़ाने वाले और पैरालम्पिक 2024 मैं पदक पर पदक जीतने वाले पैरालम्पियनों के बारे मै पूर्ण आत्मविश्वास के साथ कही जा सकती है। कि “म्हारे पैरालंपियन किसी वर्ल्ड चैंपियन से कम हैं के?”
अभी हाल ही मैं संपन्न हुए पेरिस ओलिंपिक 2024 मैं हमने अपने खिलाडियों को पदकों के लिए संघर्ष करते हुए देखा। उनकी मेहनत और सफलता पर जहाँ देश ने उनके साथ इस पल को जिया वहीं उनके पदक से चूकने पर देशवासियों को उनके साथ दुखी होते भी देखा। इन ओलम्पियनों की मेहनत पर जहाँ देश को इन पर गर्व था वहीं ओलिंपिक मैं कुछ और पदक आ सकने की कसक भी देशवासियों के मन मैं घर कर गयी।
इसी बीच बड़ी ही सादगी और बिना हो हल्ले के हमारे देश के पैरालंपियन पहुँच गए पैरालम्पिक के युद्ध क्षेत्र मैं कुछ कर गुजरने का जज्बा लिए। और यहाँ उन्होंने इतिहास रचने की ऐसी नीव डाली की अभी तक 03 गोल्ड, 08 सिल्वर और 10 कांस्य पदक के साथ कुल 21 मैडल जीतते हुए भारत पदक तालिका मैं 19वें स्थान पर आ खड़ा हुआ है और ये क्रम अभी भी जारी है।
जहाँ हमें पेरिस ओलिंपिक मैं सिर्फ 01 सिल्वर और 05 कांस्य पदकों के साथ सिर्फ 06 पदकों से संतोष करना पड़ा वहीं हमारे पैरालम्पियनों ने ताबड़तोड़ मैडल जीत कर उस टीस को काफी हद तक कम करने का काम कर दिया है। हमारे पैरालम्पियनों ने दिखाया कि अगर जूनून हो तो शारीरिक अक्षमता कोई मायने नहीं रखती और आप अपने लिए निर्धारित किये लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। पूरा देश आज अपने ओलम्पियनों के साथ कंधे से कन्धा मिला उनकी हौसलाअफजाई कर रहा है और देश का मान बढ़ाने वाले ऐसे शूरवीरों को सलाम कर रहा है।
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