नई दिल्ली: सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 समाप्त होने से पहले ही 5 लाख करोड़ रुपये के सकल व्यापार मूल्य (GMV) का महत्वपूर्ण आंकड़ा पार कर लिया है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि GeM सार्वजनिक खरीद के लिए एक प्रमुख प्लेटफॉर्म के रूप में तेजी से विस्तार कर रहा है, जिससे 1.6 लाख से अधिक सरकारी इकाइयों को सुविधा मिल रही है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इस उपलब्धि पर जानकारी देते हुए बताया कि 23 जनवरी 2024 को 4 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने के बाद, केवल 50 दिनों के भीतर 5 लाख करोड़ रुपये तक का सफर पूरा किया गया। मंत्रालय ने कहा कि हाल के महीनों में GeM ने कई नीतिगत सुधार किए हैं, जिससे विक्रेताओं की भागीदारी और बाजार तक पहुंच आसान हुई है।
सूक्ष्म और लघु उद्यमों को लाभ
GeM प्लेटफॉर्म पर लेन-देन शुल्क में कटौती, विक्रेता मूल्यांकन शुल्क में कमी और सतर्कता राशि की आवश्यकताओं को सरल बनाकर इसे छोटे उद्यमों, स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों के लिए अधिक अनुकूल बनाया गया है। इन सुधारों के चलते GeM प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं की संख्या 22 लाख से अधिक हो गई है, जिससे प्रतिस्पर्धात्मक और विविधतापूर्ण खरीद प्रणाली को बढ़ावा मिल रहा है।
सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) की यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल डिजिटल इंडिया पहल को मजबूती प्रदान करती है, बल्कि सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता और कुशलता को भी बढ़ावा देती है।
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