सहजन (Moringa): आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से अद्वितीय औषधीय गुण, सुपरफूड..

परिचय

सहजन (Moringa oleifera), जिसे मोरिंगा या ड्रमस्टिक भी कहा जाता है, भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसे “सुपरफूड” के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व और औषधीय गुण होते हैं। आयुर्वेद में सहजन को “शिग्रू” के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है “तेज़ी से बढ़ने वाला”। सहजन  भारत, अफ्रीका और दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों में यह पौधा प्राकृतिक रूप से पाया जाता है और इसका उपयोग खाद्य पदार्थों और औषधियों में होता है। सहजन का हर हिस्सा – पत्तियाँ, फूल, फलियाँ और बीज – औषधीय और पोषण से भरपूर होते हैं।

आयुर्वेदिक गुण

  1. त्रिदोष शामक: सहजन वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करने में मदद करता है। यह इसके गर्म तासीर और कड़वे-तुरे स्वाद के कारण होता है, जो शरीर में विषाक्त पदार्थों को दूर करने और ऊर्जा का स्तर बढ़ाने में मदद करता है।
  2. पाचन में सहायक: सहजन का सेवन पेट की समस्याओं, जैसे अपच, एसिडिटी, और कब्ज में राहत प्रदान करता है। आयुर्वेद में, इसे पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।
  3. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना: सहजन के पत्तों और बीजों में विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। यह शरीर को संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
  4. हृदय स्वास्थ्य: आयुर्वेद के अनुसार, सहजन हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी आती है और रक्तचाप नियंत्रित होता है।
  5. चर्म रोगों का उपचार: सहजन का उपयोग त्वचा रोगों के इलाज में भी किया जाता है। इसके पत्तों और तेल का उपयोग त्वचा की समस्याओं, जैसे मुंहासे, एक्जिमा, और फंगल संक्रमण में लाभकारी होता है।
  6. एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण: सहजन के पत्तों और बीजों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो सूजन और संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं। आयुर्वेद में, इसे शरीर की शुद्धि और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।
  7. मधुमेह नियंत्रण: सहजन का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो विशेष रूप से मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी होता है।

सहजन के उपयोग

सहजन के पत्तों, फलों और बीजों का उपयोग विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है। इसे सूप, करी, सब्जी, और सलाद में मिलाया जा सकता है। इसके अलावा, सहजन का पाउडर और तेल भी विभिन्न औषधीय और सौंदर्य उत्पादों में उपयोग होता है।

सहजन एक अद्वितीय औषधीय पौधा है जो आयुर्वेदिक चिकित्सा में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसके पौष्टिक और औषधीय गुण इसे एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्यवर्धक बनाते हैं। इसे आहार में शामिल करने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन भी बना रहता है। यह आवश्यक है कि सहजन का सेवन उचित मात्रा में और विशेषज्ञ की सलाह से किया जाए, विशेषकर तब जब इसे औषधीय उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा रहा हो।


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