प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 25वें कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के अवसर पर लद्दाख में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित की। वह श्रद्धांजली समारोह में भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने गौरव गाथा: एनसीओ द्वारा कारगिल युद्ध पर ब्रीफिंग सुनी और अमर संस्मरण: हट ऑफ रिमेंबरेंस का दौरा किया। उन्होंने वीरभूमि का भी दौरा किया।
श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख की गौरवशाली भूमि कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ की साक्षी है। पीएम मोदी ने कहा, “कारगिल विजय दिवस हमें याद दिलाता है कि देश के लिए दिया गया बलिदान अमर होता है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही महीने, साल, दशक और सदियां बीत जाएं, देश की सीमाओं की रक्षा के लिए दिए गए बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। पीएम मोदी ने कहा, “देश हमारे सशस्त्र बलों के शक्तिशाली महानायकों का सदैव ऋणी और अत्यंत आभारी है।”
पीएम ने कारगिल युद्ध के दिनों को याद करते हुए कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उस समय सैनिकों के बीच थे। उन्होंने कहा कि उन्हें अब भी याद है कि कैसे हमारे सैनिकों ने इतनी ऊंचाई पर एक कठिन ऑपरेशन को अंजाम दिया था। पीएम मोदी ने कहा, “मैं देश के उन वीर सपूतों को सलाम करता हूं जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। कारगिल में हमने न केवल युद्ध जीता, बल्कि हमने ‘सच्चाई, संयम और ताकत’ का एक अविश्वसनीय उदाहरण भी पेश किया।” प्रधानमंत्री ने उस समय पाकिस्तान के धोखे पर प्रकाश डाला जब भारत शांति बनाए रखने के लिए सभी प्रयास कर रहा था। उन्होंने कहा कि सच्चाई से झूठ और आतंक को घुटनों पर ला दिया गया।
आतंकवाद की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को अतीत में हमेशा हार का सामना करना पड़ा है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने अपने अतीत से कुछ नहीं सीखा है और प्रासंगिक बने रहने के लिए आतंकवाद और छद्म युद्ध की आड़ में युद्ध जारी रखा है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आतंकवादियों के नापाक इरादे कभी पूरे नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि हमारे बहादुर जवान सभी आतंकी प्रयासों को रौंद देंगे।
अग्निपथ योजना के पीछे पेंशन का बोझ बचाने की मंशा को मुख्य कारण बताए जाने वाले दुष्प्रचार को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भर्ती होने वाले सैनिकों की पेंशन का बोझ 30 साल बाद आएगा, इसलिए इस योजना के पीछे का कारण यह नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, “हमने सशस्त्र बलों के लिए गए इस फैसले का सम्मान किया है क्योंकि हमारे लिए देश की सुरक्षा राजनीति से ज्यादा महत्वपूर्ण है।”
कारगिल विजय दिवस पर अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ”करगिल की जीत किसी सरकार या किसी पार्टी की जीत नहीं थी। ये जीत देश की है, ये जीत हमारी विरासत है। यह देश के गौरव और स्वाभिमान का त्योहार है।” उन्होंने पूरे देश की ओर से वीर जवानों को सलाम किया और करगिल विजय के 25 साल पूरे होने पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री ने आज वर्चुअल तरीके से लद्दाख में शिंकुन ला टनल प्रोजेक्ट का पहला विस्फोट भी देखा। लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए शिंकुन ला सुरंग परियोजना में निमू – पदुम – दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर 4.1 किमी लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग का निर्माण किया जाना है। प्रधानमंत्री ने लद्दाख के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि यह सुरंग उनके जीवन को और आसान बनाएगी क्योंकि क्षेत्र में खराब मौसम के कारण उनके सामने आने वाली कई कठिनाइयां कम हो जाएंगी।
On 25th Kargil Vijay Diwas, the nation honours the gallant efforts and sacrifices of our Armed Forces. We stand eternally grateful for their unwavering service.https://t.co/xwYtWB5rCV
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2024
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