हूती विद्रोहियों के हमले के एक दिन बाद जवाबी कार्यवाही मैं इसराइल (Israel) ने यमन में हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले लाल सागर मैं स्थित हुदैदाह बंदरगाह पर भीषण हमला किया है। जिससे उठ रही आग की लपटें पूरे मध्य पूर्व में देखी जा सकती हैं हूती विद्रोहियों से जुड़े मीडिया आउटलेट्स के मुताबिक़, इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई और 80 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं।
इस मौके पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो साझा करते हुए के इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ शब्दों मैं कहा कि “युद्ध की शुरुआत से, मैंने यह स्पष्ट कर दिया था कि इज़राइल सभी हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। यही कारण है कि हमने तेल अवीव में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के पास घातक ड्रोन हमले के जवाब में कल यमन में हूती ठिकानों पर हमला किया। लक्षित बंदरगाह का उपयोग ईरान से हौथियों तक हथियारों की तस्करी के लिए किया जाता है, जिन्होंने इज़राइल और अन्य देशों पर हमला किया है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस ईरानी आतंकी धुरी से बचाव के लिए इज़राइल के कार्यों का समर्थन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमलावरों को भारी कीमत चुकानी पड़े।”
इधर इजराइली रक्षा मंत्री गैलेंट ने कहा कि हूती विद्रोहियों पर इसलिए हमला किया गया क्योंकि उन्होंने इसराइल को नुक़सान पहुंचाया था। उन्होंने कहा, ”हूतियों ने हम पर 200 बार से अधिक हमले किए. पहली बार जैसे ही उन्होंने इसराइली नागरिक को नुक़सान पहुंचाया, हमने उन पर हमले किए. जहां भी ऐसा करने की ज़रूरत होगी हम करेंगे।”
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