AICTE-VAANI 2025: 22 क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 4 करोड़ रुपये की पहल

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नई दिल्ली, 19 मार्च 2025: तकनीकी शिक्षा को भारत की क्षेत्रीय भाषाओं में सुलभ और समावेशी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने अपनी महत्वाकांक्षी योजना “AICTE-VAANI” के दूसरे संस्करण की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, AICTE ने देश भर के कॉलेजों और संस्थानों को 4 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया है, ताकि 22 क्षेत्रीय भाषाओं में 200 सम्मेलन, सेमिनार और वर्कशॉप आयोजित किए जा सकें। यह पहल न केवल तकनीकी शिक्षा को स्थानीय भाषाओं में बढ़ावा देगी, बल्कि छात्रों और शिक्षकों के बीच नवाचार और समस्या-समाधान की क्षमता को भी मजबूत करेगी।

AICTE-VAANI योजना का उद्देश्य

AICTE-VAANI योजना का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि नवीनतम तकनीकी प्रगति और ज्ञान भारत के हर कोने तक, हर भाषा में पहुँचे। भारत एक बहुभाषी देश है, जहाँ हिंदी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, मराठी, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, उड़िया, पंजाबी, असमिया, और मैथिली जैसी 22 अनुसूचित भाषाएँ बोली जाती हैं। लेकिन तकनीकी शिक्षा का अधिकांश कंटेंट अंग्रेजी में होने के कारण, गैर-अंग्रेजी भाषी छात्रों को कई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस योजना के जरिए AICTE यह सुनिश्चित करना चाहता है कि भाषा कोई बाधा न बने और हर छात्र अपनी मातृभाषा में तकनीकी ज्ञान हासिल कर सके।

AICTE के चेयरमैन प्रोफेसर टी.जी. सीताराम ने योजना के लॉन्च के दौरान कहा, “हमारा मकसद है कि तकनीकी शिक्षा को हर भारतीय की पहुँच में लाया जाए। क्षेत्रीय भाषाओं में सम्मेलन और सेमिनार आयोजित करने से न सिर्फ ज्ञान का प्रसार होगा, बल्कि छात्रों में आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।”

4 करोड़ रुपये का वित्तीय समर्थन

AICTE-VAANI 2025 के तहत, 200 सम्मेलनों के लिए कुल 4 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। प्रत्येक सम्मेलन, सेमिनार या वर्कशॉप के लिए 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह राशि कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों को उभरते हुए तकनीकी क्षेत्रों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन, रोबोटिक्स, और डेटा साइंस पर चर्चा करने के लिए दी जाएगी। इन आयोजनों में विशेषज्ञों, शिक्षकों और छात्रों को शामिल किया जाएगा, ताकि नवाचार और शोध को बढ़ावा मिले।

पिछले साल इस योजना के पहले संस्करण में, कई संस्थानों ने क्षेत्रीय भाषाओं में सफल आयोजन किए थे। उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल के एक कॉलेज ने बंगाली भाषा में AI पर एक वर्कशॉप आयोजित की थी, जिसे छात्रों और शिक्षकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। इस बार AICTE ने इसे और बड़े पैमाने पर लागू करने का फैसला किया है।

क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा की जरूरत

भारत में तकनीकी शिक्षा का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। हर साल लाखों छात्र इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक और अन्य तकनीकी कोर्स में दाखिला लेते हैं। लेकिन अंग्रेजी भाषा की सीमित जानकारी के कारण, ग्रामीण और छोटे शहरों के छात्रों को अक्सर पीछे छूटने का डर रहता है। AICTE के उपाध्यक्ष डॉ. अभय जेरे ने इस मुद्दे पर जोर देते हुए कहा, “महत्व इस बात का नहीं है कि आप किस भाषा में पढ़ते हैं, बल्कि इस बात का है कि आप कितना समझते हैं और उसका उपयोग कैसे करते हैं। हमें क्रिटिकल थिंकिंग और प्रॉब्लम-सॉल्विंग पर ध्यान देना चाहिए, और यह किसी भी भाषा में संभव है।”

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इन सभी सम्मेलनों का एक व्यापक डिजिटल रिपॉजिटरी बनाया जाए, ताकि भविष्य में शोध और संदर्भ के लिए इसका इस्तेमाल हो सके। यह कदम न केवल ज्ञान को संरक्षित करेगा, बल्कि इसे व्यापक स्तर पर साझा करने में भी मदद करेगा।

किन भाषाओं में होंगे आयोजन?

AICTE-VAANI योजना के तहत 22 क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल किया गया है, जो भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध हैं। इनमें शामिल हैं:

  • हिंदी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, मराठी, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, उड़िया, पंजाबी, असमिया, मैथिली, संथाली, कश्मीरी, नेपाली, कोकणी, बोडो, मणिपुरी, सिंधी, डोगरी, कोंकणी, भोजपुरी।

इन भाषाओं में आयोजित होने वाले सम्मेलन न सिर्फ तकनीकी शिक्षा को लोकल स्तर पर ले जाएंगे, बल्कि स्थानीय संस्कृति और भाषाई पहचान को भी मजबूत करेंगे।

कॉलेजों और छात्रों के लिए फायदे

इस योजना से कॉलेजों और छात्रों को कई तरह से लाभ होगा:

  1. स्थानीय भाषा में समझ: छात्र अपनी मातृभाषा में जटिल तकनीकी अवधारणाओं को आसानी से समझ सकेंगे।
  2. नवाचार को बढ़ावा: क्षेत्रीय भाषाओं में चर्चा से नए विचारों और समाधानों को प्रोत्साहन मिलेगा।
  3. शिक्षकों का विकास: शिक्षकों को भी अपनी भाषा में प्रशिक्षण और शोध के अवसर मिलेंगे।
  4. वित्तीय सहायता: 2 लाख रुपये की फंडिंग से कॉलेज बिना किसी आर्थिक बोझ के बड़े आयोजन कर सकेंगे।
  5. राष्ट्रीय एकता: विभिन्न भाषाओं में एकसमान तकनीकी ज्ञान का प्रसार राष्ट्रीय एकता को मजबूत करेगा।

पिछले अनुभव और भविष्य की योजना

पिछले साल AICTE-VAANI के पहले संस्करण में, कई कॉलेजों ने इस योजना का लाभ उठाया। उदाहरण के लिए, कोलकाता के एक संस्थान ने बंगाली में डेटा साइंस पर एक सेमिनार आयोजित किया, जिसमें 300 से ज्यादा छात्रों ने हिस्सा लिया। इस सफलता को देखते हुए, AICTE ने इस बार 200 आयोजनों का लक्ष्य रखा है। भविष्य में इसे और विस्तार देने की योजना है, जिसमें ऑनलाइन कोर्स और डिजिटल कंटेंट को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराना शामिल हो सकता है।

कैसे करें आवेदन?

AICTE से मान्यता प्राप्त भारत के सभी शैक्षणिक संस्थान, विश्वविद्यालय और शोध केंद्र इस योजना के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

📅 आवेदन की अंतिम तिथि: 25 मार्च से 24 अप्रैल 2025

आवेदन करने के लिए:
1. AICTE-ATAL पोर्टल पर जाएं – https://www.aicte-india.org/atal
2. आवश्यक फॉर्म भरें और मांगे गए दस्तावेज़ अपलोड करें।
3. आवेदन जमा करने के बाद AICTE द्वारा समीक्षा की जाएगी और योग्य संस्थानों का चयन किया जाएगा।

शिक्षा क्षेत्र में एक नई क्रांति

AICTE-VAANI योजना न केवल तकनीकी शिक्षा को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह भारत की भाषाई विविधता को भी सम्मान देती है। यह योजना नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उस विजन को साकार करती है, जिसमें मातृभाषा में शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह पहल सफल रही, तो यह भारत को तकनीकी नवाचार में वैश्विक नेता बनाने में मदद कर सकती है।

AICTE-VAANI 2025 के जरिए 4 करोड़ रुपये की यह पहल तकनीकी शिक्षा को हर भारतीय की पहुँच में लाने का एक साहसिक प्रयास है। 22 क्षेत्रीय भाषाओं में 200 सम्मेलन आयोजित करने का यह लक्ष्य न सिर्फ छात्रों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और शैक्षिक विरासत को भी मजबूत करेगा। अगर आप एक छात्र, शिक्षक या तकनीकी विशेषज्ञ हैं, तो अपने कॉलेज के साथ इस योजना का हिस्सा बनें और तकनीक को अपनी भाषा में अपनाएँ।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी AICTE की घोषणाओं और उपलब्ध रिपोर्ट्स पर आधारित है। आयोजनों की तारीखें और अन्य विवरण में बदलाव संभव है। नवीनतम अपडेट्स के लिए AICTE की आधिकारिक वेबसाइट देखें।


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