सात चिरंजीवियों मैं से एक और माता अंजनी एवं वानरराज केसरी के पुत्र और प्रबल प्रतापी श्री हनुमानजी जिनको संकटमोचन, बजरंगबली, मारुतिनंदन, पवनपुत्र आदि अन्य नामों से भी सम्बोधित किया जाता है को कौन नहीं जानता। देवाधिदेव महादेव शंकर के अवतार और भगवन श्री राम के अनन्य भक्त श्री हनुमान जी का रामायण मैं योगदान और प्रभु श्रीराम के प्रति उनकी भक्ति दुर्लभ ही देखने को मिलेगी।
हनुमान जी को उनकी अद्भुत शक्ति, भक्ति और समर्पण के लिए पूजा जाता है। भारतीय संस्कृति में हनुमान जी को शक्ति, साहस और निष्ठा का प्रतीक माना जाता है। भारत के कोने-कोने में भगवान हनुमान के अनगिनत मंदिर स्थित हैं, जिनमें से कुछ अपनी ऐतिहासिकता, वास्तुकला और आस्था के लिए अद्वितीय हैं।
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इस लेख में हम ऐसे ही प्रसिद्ध हनुमान मंदिरों की जानकारी देंगे, जो हर भक्त को कम से कम एक बार दर्शन जरूर करने चाहिए।
1. श्री हनुमान गढ़ी, अयोध्या-उत्तर प्रदेश
यह मंदिर उस स्थान पर स्थित है, जहाँ हनुमान जी ने भगवान राम की सेवा में अपने जीवन को समर्पित किया था। जब रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम अयोध्या लौटे, तो हनुमानजी यहां रहने लगे। इसीलिए इसका नाम हनुमानगढ़ या हनुमान कोट रखा गया। यहीं से हनुमानजी रामकोट की रक्षा करते हैं। इसलिए यह स्थल हनुमान जी की भक्ति, शक्ति और बल का प्रतीक माना जाता है।
मुख्य आकर्षण:
- अयोध्या के मध्य में स्थित, 76 सीढ़ियाँ हनुमानगढ़ी तक जाती हैं।
- मुख्य मंदिर मैं हनुमान जी बाल्यावस्था मैं माता अंजनी की गोद मैं बैठे हुए हैं।
- अयोध्या के कोतवाल होने के कारण, यहाँ प्रथा है कि राम मंदिर जाने से पहले सबसे पहले भगवान हनुमान मंदिर के दर्शन करने चाहिए।
- चोला चढ़ाने से व्यक्ति को मिलती है दोष से मुक्ति।
2. संकट मोचन हनुमान मंदिर, वाराणसी-उत्तर प्रदेश
वाराणसी का संकट मोचन हनुमान मंदिर तुलसीदास जी द्वारा स्थापित किया गया था। यह मंदिर गंगा नदी के किनारे स्थित है और वाराणसी की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। इस मंदिर में भगवान हनुमान की पूजा संकटमोचन रूप में की जाती है, जो भक्तों के सभी संकट दूर करते हैं।
मुख्य आकर्षण:
- मंदिर के गर्भगृह में सिंदूर से लिपटी हनुमान जी की मूर्ति है।
- इस मंदिर में जागृत अवस्था में हनुमान जी को माना जाता है।
- हर मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का विशेष पाठ होता है।
- इस मंदिर में चढ़ाए जाने वाले लड्डू बहुत मशहूर हैं।
- नवरात्रि और हनुमान जयंती पर विशेष आयोजन होता है।
3. प्राचीन हनुमान मंदिर, कनाट प्लेस-दिल्ली
दिल्ली के दिल कनाट प्लेस में स्थित यह मंदिर भारत के सबसे प्राचीन हनुमान मंदिरों में से एक है। कहा जाता है कि यह मंदिर महाभारत काल से अस्तित्व में है। मान्यता अनुसार प्रसिद्ध भक्तिकालीन संत तुलसीदास जी ने दिल्ली यात्रा के समय इस मंदिर में भी दर्शन किये थे। उन्होंने इस स्थल पर ही हनुमान चालीसा की रचना की थी।
मुख्य आकर्षण:
- हनुमान जी की मूर्ति पर सिंदूर का विशेष लेप किया जाता है।
- भक्तों को यहां अमरफल (चिरंजीवी होने का आशीर्वाद) का प्रतीक नारियल प्रसाद स्वरूप मिलता है।
- मंदिर की छत पर स्थित “श्रीराम” लिखा हुआ चक्र भक्तों के लिए एक बड़ा आकर्षण है।
4. महावीर मंदिर, पटना-बिहार
महावीर मंदिर, पटना के हृदय में स्थित बिहार का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। पटना जंक्शन के समीप स्थित महावीर मंदिर, भारत के प्रसिद्ध हनुमान मंदिरों में से एक है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सामाजिक सेवा के लिए भी प्रसिद्ध है। यह बिहार का एक प्रमुख तीर्थस्थल है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान हनुमान का आशीर्वाद लेने आते हैं।
मुख्य आकर्षण:
- यहां भगवान हनुमान की दो युग्म प्रतिमाएं हैं।
- एक प्रतिमा मनोकामना पूर्ण करती है तो दूसरी सभी कष्टों का हरण करती है।
- यहां का प्रसाद नैवेद्यम पूरे देश में प्रसिद्ध है।
- हनुमान जयंती के अवसर पर विशेष पूजा और भंडारे का आयोजन होता है।
- मंदिर परिसर में संचालित अस्पताल और कैंसर शोध केंद्र सामाजिक सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण है।
- यहाँ हनुमान जी के दर्शन के लिए हर दिन हजारों भक्त आते हैं।
5. सालासर बालाजी मंदिर, चुरू–राजस्थान
राजस्थान के चुरू जिले में स्थित सालासर बालाजी मंदिर का महत्व पूरे भारत में है। यह मंदिर अपनी विशिष्ट मूर्ति और यहाँ पूरी होने वाली मनोकामनाओं के लिए जाना जाता है। यह माना जाता है कि बालाजी महाराज अपने भक्तों की हर समस्या का समाधान करते हैं।
मुख्य आकर्षण:
- हनुमान जी की मूर्ति में मूंछ और दाढ़ी का विशेष चित्रण किया गया है।
- भक्त लाल धागा चढ़ाकर अपनी इच्छाओं की पूर्ति की कामना करते हैं।
- हर साल भाद्रपद और चैत्र में आयोजित होने वाले मेले में लाखों श्रद्धालु आते हैं।
- यहां चढ़ाए गए नारियलों का दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता, बल्कि उन्हें खेत में गड्ढा खोदकर दबा दिया जाता है।
- मंदिर के पास कई धर्मशालाएं और भोजनालय हैं, जहां भक्तों को नि:शुल्क सेवा प्रदान की जाती है।
6. मेहंदीपुर बालाजी, दौसा–राजस्थान
जयपुर और दौसा जिले के बीच स्थित मेहंदीपुर बालाजी मंदिर को भारत का सबसे रहस्यमय मंदिर माना जाता है। यह मंदिर मानसिक और शारीरिक समस्याओं से मुक्ति के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर दो पहाड़ियों के बीच बना है और इसे घाटा मेहंदीपुर भी कहा जाता है।
मुख्य आकर्षण:
- यहाँ आने वाले भक्त विशेष पूजा और हवन के माध्यम से नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा पाने की प्रार्थना करते हैं।
- यहाँ प्रसाद में लड्डू मिलता है जिसे वहीं खाने की परंपरा है।
- यहां तीन देवों की पूजा की जाती है – श्री बालाजी महाराज, श्री प्रेतराज सरकार, और श्री कोतवाल (भैरव बाबा )।
- इस मंदिर में हनुमान जी की बाल रूप मूर्ति है, जो किसी कलाकार ने नहीं बनाई है, बल्कि यह स्वयंभू है।
7. हनुमान धारा मंदिर, चित्रकूट-उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित चित्रकूट अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहां स्थित हनुमान धारा मंदिर श्रद्धालुओं और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अनूठा स्थल है। यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है और रामायण काल की घटनाओं से जुड़ा हुआ है।
मुख्य आकर्षण:
- जब भगवान हनुमान ने लंका दहन के बाद श्रीराम की सेवा की, तो उनकी पूंछ में लगी अग्नि को शांत करने के लिए भगवान श्रीराम ने इस स्थान पर जलधारा का सृजन किया।
- इस पवित्र धारा का जल आज भी बिना किसी बाहरी स्रोत के प्रवाहित होता है, जिसे चमत्कारिक और पवित्र माना जाता है।
- ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर पहाड़ों और हरे-भरे जंगलों के बीच है, जहां से प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।
8. पंचमुखी हनुमान मंदिर, रामेश्वरम-तमिलनाडु
श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित एक मंदिर है, जो भगवान हनुमान को समर्पित है। यह मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला और तैरते पत्थरों की उपस्थिति के लिए जाना जाता है, जिनके बारे में कहा जाता है कि इनका इस्तेमाल भारत को श्रीलंका से जोड़ने वाले राम सेतु पुल के निर्माण में किया गया था।
मुख्य आकर्षण:
- मंदिर मैं मौजूद भगवान हनुमान की पंचमुखी प्रतिमा उनकी शक्ति और वीरता को दर्शाती है।
- मंदिर परिसर मैं मौजूद पत्थर पानी पर तैरते रहते हैं।
- माना जाता है कि यह मंदिर करीब 500 साल पुराना है और इसे हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है।
9. बागेश्वर धाम बालाजी मंदिर, छतरपुर-मध्य प्रदेश
बागेश्वर धाम बालाजी मंदिर, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित, भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह स्थान भगवान हनुमान को समर्पित है और यहां देशभर से लाखों श्रद्धालु अपनी समस्याओं के समाधान और आध्यात्मिक शांति के लिए आते हैं।
मुख्य आकर्षण:
- यहां आने वाले श्रद्धालु अपनी समस्याओं के समाधान के लिए “पर्ची” में लिखकर प्रार्थना करते हैं। यह विश्वास है कि उनकी हर मनोकामना भगवान हनुमान की कृपा से पूरी होती है।
- मंगलवार और शनिवार को विशेष भीड़ होती है।
- बागेश्वर धाम का मंदिर हरे-भरे प्राकृतिक वातावरण के बीच स्थित है। यहां भगवान हनुमान की भव्य मूर्ति स्थापित है।
- हनुमान जयंती और रामनवमी पर यहां बड़े धार्मिक आयोजन होते हैं।
10. यंत्रोधरका हनुमान मंदिर, हम्पी-कर्नाटक
हनुमान जी को समर्पित एक हिंदू मंदिर है जिसे प्राणदेव या रामभक्त हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर की वास्तुकला में विजयनगर शैली का उत्कृष्ट नमूना देखने को मिलता है। इसमें जटिल नक्काशीदार खंभे और शांत वातावरण है। मंदिर से आसपास के परिदृश्य का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है।
मुख्य आकर्षण:
- मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी का जन्मस्थान यहीं हुआ था।
- मंदिर के चहुँ ओर फैले पत्थरों के बारे मैं प्रचलित है कि ये सब माता अंजनी के दुग्ध की एक बूँद के पहाड़ी पर पड़ने से वो पूरी पहाड़ी टूटकर बिखर गयी।
- यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल हम्पी के खंडहरों के बीच बसा है यंत्रोधरका हनुमान मंदिर।
- मान्यता है की भगवान राम और हनुमान जी की मुलाकात भी पहली बार यहीं हुयी थी।
11. नमक्कल आंजनेयार मंदिर, नमक्कल-तमिलनाडु
तमिलनाडु के नमक्कल जिले में पहाड़ियों के बीच मौजूद आंजनेयार मंदिर दुनिया के सबसे प्राचीन हनुमान मंदिरों में से एक है। करीब 5 शताब्दी के दौरान बनाए गए इस मंदिर में भगवान हनुमान की 18 फीट ऊंची प्रतिमा हाथ जोड़े खड़ी है। खास बात ये है कि इस मंदिर में भगवान हनुमान श्रीराम नहीं बल्कि विष्णु के ही अवतार भगवान नृसिंह की सेवा में खड़े हैं। इस मंदिर को लेकर कई सारी कथाएं हैं। इसे भगवान विष्णु, लक्ष्मी और हनुमान से जोड़ा जाता है। मंदिर के सामने एक पहाड़ी है, इसे नृसिंह हिल कहा जाता है। मान्यता है कि इस पहाड़ी में देवी लक्ष्मी को भगवान विष्णु ने नृसिंह रूप में दर्शन दिए थे।
मुख्य आकर्षण:
- मंदिर में हनुमान की 18 फ़ीट ऊंची मूर्ति है।
- माता लक्ष्मी यहीं पर विष्णु भगवान की तपस्या मैं लीं थी ताकि उनको भगवान के नरसिंह अवतार के दर्शन हो सकें।
- मंदिर में चार दैनिक अनुष्ठान और कई वार्षिक उत्सव आयोजित किए जाते हैं।
- अंजनेयर की छवि एक ही पत्थर को तराश कर बनाई गई है और माना जाता है कि यह 5वीं शताब्दी से मौजूद है।
भारत मैं स्थित हनुमान मंदिर केवल पूजा स्थल नहीं हैं, बल्कि ये हमारी संस्कृति, वास्तुकला और आस्था का प्रतीक भी हैं। इन मंदिरों की यात्रा भक्तों को न केवल आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है, बल्कि उन्हें अपने भीतर की शांति और भक्ति का अनुभव भी कराती है।
हनुमान जी के जीवन और कार्यों से हमें प्रेरणा मिलती है कि जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ भक्ति, निष्ठा, और साहस है। वे अपने भक्तों के लिए एक आदर्श देवता हैं, जो हमें यह सिखाते हैं कि अपने कर्तव्यों को निभाते हुए, जीवन में सच्चे प्रेम और समर्पण के साथ भगवान की सेवा करनी चाहिए। हनुमान जी का आशीर्वाद हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाए।
“जय श्री राम, जय हनुमान!”
क्या आप इनमें से किसी मंदिर के दर्शन कर चुके हैं? अपने अनुभव हमारे साथ साझा करें और अन्य भक्तों को प्रेरित करें।
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