ब्रज की होली: ब्रज भाषा में 25 अनूठी होली शुभकामनाएं

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ब्रजभूमि में होली (Holi) सिर्फ़ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम और भक्ति का एक अद्भुत संगम है। श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम की यह होली, रंगों, भांग, ठिठोली और आनंद का अद्भुत मेल है। यहाँ की लट्ठमार होली, फूलों की होली, और गुलाल की बौछार पूरे देश में प्रसिद्ध है।

यदि आप अपने प्रियजनों को ब्रजभाषा में अनोखी होली की शुभकामनाएँ भेजना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए 25 सुंदर और अनूठे काव्यात्मक संदेश आपके लिए हैं।

🌸 25 अनोखी होली (Holi) शुभकामनाएँ ब्रजभाषा में 🌸

“बरसाने की होरी आई, रस की बूँद बरसाई, नटवर के संग राधा झूली, रसिया भए मताई!
होरी के रसिया की जय!”
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“रंग गुलाल उड़ाय रहे, फागन में रस बहाय रहे, कान्हा संग खेलन होरी, रसिया सब मुस्काय रहे!
होरी के रसिया की जय!”
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“माखन चोर, बंसी बाजै, रंग गुलाल उड़ाय, ब्रज की ग्वालिन संग होरी, रसिया रस लुटाय!
होरी के रसिया की जय!”
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“रंग बिरंगी उड़े गुलाल, प्रेम बढ़ाए होरी, सब मिलि गावैं राधे-श्याम, रसिया गावत जोरी!
होरी के रसिया की जय!”
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“रंगन की बौछार भई, देखो रसिया री सैर, ब्रज की ग्वालिन सखियन संग, नाचे कान्हा बेर-बेर!
होरी के रसिया की जय!”
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“फागुन की आई बहार, गोकुल में होरी छाय, प्रेम रंग में रंगी पिचकारी, सब रसिया मुस्काय!
होरी के रसिया की जय!”
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“गोपन संग खेलैं किशोरी, कन्हैया बरसावैं रंग होरी!
होरी के रसिया की जय!”
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“मधुबन में रंग गुलाल उड़ाए, कान्हा संग ब्रज में फागुन आए!
होरी के रसिया की जय!”
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“राधा-कृष्ण की जोड़ी न्यारी, फागुन आयो, रंग बरसाई!
होरी के रसिया की जय!”
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“रंग रंगीली फागुन आई, प्रेम रंग में राधा समाई!
होरी के रसिया की जय!”
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“रसिया के संग खेलन होरी, हाथन में गुझिया, मुख पे हँसी भारी!
होरी के रसिया की जय!”
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“चूनर रंगी गुलाल रंगाए, राधा संग कान्हा नचाए!
होरी के रसिया की जय!”
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Holi of Braj: 25 unique Holi wishes in Braj language

“पिचकारी से रंग बरसाए, होरी में प्रेम पगी मिठाई खाए!
होरी के रसिया की जय!”
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“रंग मतवारी आई फागुन, देख रसिया, ब्रज की ग्वालिन हारी!
होरी के रसिया की जय!”
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“सखी साजन मिलन के बहाना, होरी में प्रेम का रंग चढ़ाना!
होरी के रसिया की जय!”
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“राधा प्यारी खेलैं गुलाल, देख कन्हैया भए मतवाल!
होरी के रसिया की जय!”
🌸🎨💦🔫🥳

“होरी आयी बरसाने में, रंग गुलाल छाय गगन में!
होरी के रसिया की जय!”
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“मधुबन में रसिया होरी, प्रेम रंगन में रंगी दुनिया सारी!
होरी के रसिया की जय!”
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“गोकुल में होरी धूम मचाए, कान्हा संग ब्रज बंसी बजाए!
होरी के रसिया की जय!”
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“भंग ठंडाई गुलाल की बहार, होरी में प्रेम बरसे अपार!
होरी के रसिया की जय!”
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“नंदलाल की टोली आयी, रंग रंगीली झूमी बृजवासी सारी!
होरी के रसिया की जय!”
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“राधे-श्याम की होरी आई, ब्रज में फागुन रंग छाई!
होरी के रसिया की जय!”
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“बृज भूमि पर छायें उमंग, होरी में गूंजे कान्हा के संग!
होरी के रसिया की जय!”
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“संग सखियन खेलें कान्हा, होरी में रंग गुलाल बरसाना!
होरी के रसिया की जय!”
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“रसिया संग खेलें सब होरी, रंग बरसावे लट्ठमार टोली!
होरी के रसिया की जय!”
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ब्रज की होली (Holi): प्रेम और भक्ति का अनोखा संगम

ब्रज की होली विश्वभर में प्रसिद्ध है, जहाँ रंगों के संग प्रेम और भक्ति की वर्षा होती है। यहाँ की होली सिर्फ रंगों तक सीमित नहीं, बल्कि फाग, रास और हंसी-ठिठोली का संगम है। बरसाना की लठमार होली में राधा की सखियाँ कान्हा के सखाओं को प्रेमपूर्वक लाठियों से मारती हैं, तो नंदगाँव की होली में गोप-गोपियाँ रंगों से सराबोर हो जाते हैं। वृंदावन और मथुरा में फूलों और गुलाल की होली खेली जाती है, जहाँ भक्त भगवान के रंग में रंग जाते हैं। ब्रज की होली सिर्फ त्यौहार नहीं, बल्कि प्रेम और भक्ति का जीवंत उत्सव है!


JatBulletin

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