डायबिटीज से आज दुनिया भर में लाखों लोग पीड़ित हैं. यह मेटाबॉलिक डिसऑर्डर में से एक है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपकी बॉडी में ब्लड शूगर का लेवल असामान्य रूप से अधिक होता है. डायबिटीज तब होती है जब आपका इंसुलिन उत्पादन ठीक नहीं होता. विशेषज्ञों के अनुसार, यदि उचित उपायों का उपयोग करके डायबिटीज को कंट्रोल न किया जाए, तो यह आपके किडनी, हार्ट के साथ-साथ वजन बढ़ने की समस्या से आपको पीड़ित कर सकता है. केरल आयुर्वेद के डॉ. ओम के अनुसार टाइप -1 डायबिटीज वात (वायु और गैस ) दोष का असंतुलन है, जबकि टाइप -2 डायबिटीज कपा (जल और पृथ्वी) दोष की अधिकता है. आयुर्वेद आहार संबंधी कुछ फेमस प्रथाओं का भी सुझाव देता है जो मधुमेह को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए काम आ सकते हैं. मधुमेह रोगियों को वसायुक्त, तली-भुनी और ऑयली खाने से बचना चाहिए और ताज़े तथा मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए, खासकर वह खाद्य पदार्थ जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है.
इन आयुवेर्दिक टिप्स को अपनाकर आप डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं:
1. तांबे के बर्तन में पानी पीएं
डॉ. वसंत की किताब ‘द कम्प्लीट बुक ऑफ आयुर्वेदिक होम रेमेडीज’ में कहा गया है कि रात भर तांबे के बर्तन या तांबे के गिलास में थोड़ा पानी रखें और अगले दिन इसे पी लें. ऐसा करने से ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव को रोकने में मदद मिल सकती है. तांबे के बर्तन में पानी रखने से तांबे के लाभकारी गुण पानी में शामिल हो जाते हैं. कॉपर कई हानिकारक माइक्रोबियल गतिविधि से लड़ने में मदद करता है. एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-एंफ्लामेंटरी गुण भी मधुमेह के प्रबंधन में सहायक होते हैं.
2. मेथी के बीज
कई अध्ययनों में डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए मेथी या मेथी के बीज की प्रभावी बताया गया है. इंटरनेशनल जर्नल फॉर विटामिन एंड न्यूट्रिशन रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, गर्म पानी में भिगोए गए 10 ग्राम मेथी के बीज को रोजाना लेना टाइप -2 मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. मेथी के बीज ब्लड शूगर को कंट्रोल करने में मदद करता है. फाइबर से भरपूर होने के कारण, यह ब्लड सर्कुलेशन की धीमी गति को सुनिश्चित करता है.
3. हल्के कड़वे खाद्य पदार्थों का करें सेवन
अपनी डाइट में से मिठाई और डेर्जट हटाना ही पर्याप्त नहीं है, आपको हेल्दी डाइट भी अपनानी चाहिए. कड़वे खाद्य पदार्थ जैसे करेला, आंवला और एलोवेरा डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए चमत्कार जैसे हैं. करेले में एक इंसुलिन जैसा यौगिक होता है जिसे पॉलीपेप्टाइड-पी या पी-इंसुलिन कहा जाता है, यह डायबिटीज विरोधी प्रभाव के लिए जाना जाता है. आंवला फाइबर से समृद्ध होता है, जो इसे मधुमेह प्रबंधन के लिए एक आदर्श खाद्य पदार्थ बनाता है.
इन सुझावों का पालन करें और स्वाभाविक रूप से अपने ब्लउ शूगर के लेवल को कंट्रोल करें. याद रहे अपनी डाइट में कोई बड़ा बदलाव करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा उचित रहता है.