मथुरा के डॉ. रसाल सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय की अकैडमिक कॉन्सिल के लिए सर्वाधिक मतों से निर्वाचित।

मथुरा के डॉ. रसाल सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च विधायी संस्था अकैडमिक कॉन्सिल के लिए सर्वाधिक मतों से निर्वाचित हुए हैं। ज्ञातव्य है कि दिविवि के 10 हजार से अधिक प्रोफेसर अकैडमिक कॉन्सिल के लिए 26 सदस्य निर्वाचित करते हैं। डॉ. रसाल सिंह ने इस चुनाव में सर्वाधिक मत प्राप्त करके एक नया कीर्तिमान बनाया है। वे पिछले 14 वर्ष से दिविवि के प्रतिष्ठित किरोड़ीमल कॉलेज में पढ़ा रहे हैं। मथुरा के श्री जी बाबा सविम और अमरनाथ विद्या आश्रम से स्कूली शिक्षा प्राप्त करने वाले डॉ. रसाल सिंह गोवर्धन क्षेत्र के पाली डूंगरा गाँव के मूल निवासी हैं। वे महाराजा ग्रुप के चेयरमैन श्री प्रीतम सिंह प्रमुख के छोटे भाई और गोवर्धन की पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्रीमती हरनंदी देवी के सुपुत्र हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले डॉ. रसाल सिंह ने अपनी समस्त परीक्षाओं (बी.ए.ऑनर्स हिंदी, एम.ए.हिंदी और एम.फिल. हिंदी) में दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ही अपनी पी एच डी उपाधि भी प्राप्त की है। आलोचना, हंस, वाक्, बहुवचन, वर्तमान साहित्य, इंडिया टुडे, अंतिम जन, जनसत्ता और राष्ट्रीय सहारा आदि प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में उनके 40 से अधिक शोध-पत्र / लेख प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा उनकी 5 आलोचना पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। वे 20 से अधिक राष्ट्रीय / अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध-पत्र/व्याख्यान दे चुके हैं।
NDTF से सम्बद्ध सदस्य के रूप में दि वि वि की विद्वत परिषद के लिए निर्वाचित होने से पहले वे किरोड़ीमल कॉलेज स्टाफ एसोसिएशन के सचिव और अध्यक्ष रह चुके हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के केंद्रीय पार्षद रहने के अलावा वे ABVP की ओर से DUSU उपाध्यक्ष का चुनाव भी लड़ चुके हैं।

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