आतंकी सरगनाओं के आगे गिड़गिड़ाये पाक हुक्मरान

पुलवामा हमले के बाद हुई अंतरराष्ट्रीय निंदा से बैकफुट पर आई पाक सरकार और फौज

14 फरवरी को सुरक्षाबलों पर हुए आत्मघाती पुलवामा हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश ऐ मोहम्मद द्वारा लिए जाने के बावजूद इस हमले में पाकिस्तान का हाथ होने से लगातार इनकार कर रहे पाक पीएम इमरान खान और पाक फौज का दोगलापन एक बार फिर उभर कर आया है। हमले के अगले ही दिन पाक पीएम ने इसे कश्मीर और कश्मीरियों का काम बताकर पल्ला झाड़ लिया था वहीं पाकिस्तानी सरकार के नुमाइंदे भी पाक को पाक साफ घोषित करने में जुटे रहे। गुप्त सूत्रों से पता चला है कि इस लौहमर्षक कांड के बाद बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव और निन्दा से पाकिस्तानी सरकार को आतंकी सरगनाओं के आगे घुटने टेकने पड़ गए हैं। एक ओर आतंकियों को सुरक्षित पनाह मुहैया कराने और दूसरी ओर आतंकी घटना से पल्ला झाड़ने का प्रयास करने के दोगलेपन से आतंक विरोधी देशों की नजर में हो रही किरकिरी से पाक को बचाने के लिए पाक फौज और सरकार ने जैश के मसूद अजहर और लश्करे तैयबा के हाफिज सईद से विनती की है कि जब तक अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में यह मामला ठंडा नहीं पड़ जाता तब तक अंतरराष्ट्रीय मीडिया और बड़े आयोजनों से थोड़ी दूरी बनाकर अर्थात लो प्रोफाइल होकर रहें। जैश को अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों की सूची में डलवाने के लिए भारत काफी समय से प्रयास कर रहा है। बतादें की जैश के विरुद्ध ऐसा प्रयास पहले यूके और यूएसए द्वारा भी किया जा चुका है और खबर है कि इस बार फ्रांस भी यूएन के समक्ष पुनः यह प्रस्ताव रखने की तैयारी कर रहा है। आश्चर्यजनक है कि 15 सदस्यीय इस काउंसिल में सिर्फ चीन ही अपने वीटो का इस्तेमाल कर मसूद और उसके आतंकी संगठन को बचाता आया है। पुलवामा की घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाक के खिलाफ बने माहौल से पाक घबरा गया है पर चूंकि आईएसआई द्वारा पोषित आतंकी संगठनों को भी खुश रखना है सो पाक हुक्मरानों को दो नावों में सवारी करनी पड़ रही है।

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