किसी भी समाज उत्थान के लिए जरूरी है कि समाज के समर्थवान व्यक्तियों मैं समाज के कार्यों के लिए सहयोग की भावना जागृत होना तभी एक समाज अपने गौरवमयी इतिहास कि नींव पर एक मजबूत किले कि संरचना कर सकता है जिसके परिणाम स्वरुप भावी पीड़ी के लिए एक सही पथ का सृजन हो पाता है.

इसके लिए जरूरी है कि समाज के सम्मानित व्यक्तियों को निम्न बिंदुओं पर ध्यान देते हुए समाज की कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जाये.

संस्कृति और परंपरा का संरक्षण:

  • लोक कला, संस्कृति, और परंपरा को बढ़ावा देना
  • समाज की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षण प्रदान करना
  • अपने समाज की स्मृतियों और संस्कृति का सम्मान करना साथ ही अगली पीढ़ी को समाज के संस्कार सिखाना

आर्थिक विकास और रोजगार: 

  • आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को उसकी कार्य योग्यता के अनुसार सहायता प्रदान करना
  • रोज़गार के अवसर बढ़ाने के लिए योजना बनाना
  • ग्राम लेवल पर लघु समितियां बनाकर उनको स्वरोजगार उपलब्ध कराना 

समाज को शिक्षित बनाना:

  • शिक्षा को महात्व दें, क्यों कि ये समाज में सुधार लाने का एक मूल मंत्र है
  • लोगों को सामाजिक रूप से जागृत करने का प्रयास करना, जिससे कि नयी पीढ़ी को बेहतर विकल्प चुनने मैं मदद मिले

सामाजिक संबंध और सहयोग:

  • समाज में एक दूसरे के साथ मेल-जोल बढ़ाना
  • सामाजिक संबंध को मजबूत बनाए रखने की परिपाटी डालना, ताकी लोग एक दूसरे की मदद कर सकें

राजनीति में भागीदारी:

  • लोकतंत्र में समाज की भागीदारी को बढ़ावा देना तथा सही व्यक्ति को राजनीति में आगे बढ़ाना और वो समाज के उत्थान के लिए कार्य करे ये सुनिश्चित करना
  • समाज में सुधार लाने के लिए सशक्त नेता को चुनने का प्रयास करना

मीडिया का प्रभाव:

  • मीडिया का सही इस्तेमाल समाज को जागृत करने में और उनके दृष्टिकों को बदलने में किया जाना चाहिए
  • समाज में समृद्धि और प्रगति को बढ़ने वाले कार्यक्रमों का प्रमोशन हो और उनको विभिन्न संचार माध्यमों के द्वारा समाज मैं प्रस्तुत करना चाहिए